- किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा है कि कुछ नेताओं को अमित शाह से अकेले मिलने नहीं जाना चाहिए था.
- अमित शाह ने कुछ किसान नेताओं को मिलने के लिए बुलाया था. ख़बरों के अनुसार 13 किसान नेता उनसे मिलने गए हैं.
- किसानों के भारत बंद का कहीं व्यापक तो कहीं मिला जुला असर.
- किसानों का दावा देश के 25 राज्यों में 10 हज़ार जगहों पर बंद का असर.
- किसान छठे दौर की बातचीत के लिए बुधवार, 9 दिसंबर को कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से मिलने वाले हैं!
- पोस्ट किया गया 23:27 8 दिसंबर 202023:27 8 दिसंबर 2020अमित शाह और किसान नेताओं की बातचीत बेनतीजा, कृषि क़ानून वापस लेने से इनकारकेंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ किसान नेताओं की बैठक ख़त्म हो गई है.बैठक में मौजूद किसान नेता हनन मुल्ला ने बाहर आकर बताया कि कल, बुधवार 9 नवंबर की बैठक अब नहीं होगी. साथ ही कल केंद्र सरकार किसानों की सभी मांगों पर अपना लिखित प्रस्ताव किसान नेताओं को भेजेगी.उन्होंने बताया, “मंत्री ने कहा है कि किसान नेताओं को कल एक लिखित प्रस्ताव भेजा जाएगा.”हनन मुल्ला ने कहा कि सरकार का लिखित प्रस्ताव मिलने के बाद किसान नेता बैठक कर अपनी आगे की रणनीति बनाएंगे.उन्होंने अनुमान लगाया कि प्रस्ताव में सरकार संशोधन के बारे में लिखकर दे सकती है.उन्होंने बताया, “मंत्री ने कहा है कि आप प्रस्ताव पर पहले विचार करें, उसे पढ़कर आएं, फिर बात करेंगे.”बैठक में क्या बात हुई, इसके जवाब में उन्होंने बताया कि बैठक में वही बात हुई जो पांच-सात दिन से एपीएमसी को लेकर हो रही है.किसान नेता हनन मुल्ला ने कहा कि सरकार कृषि क़ानून वापल लेने को तैयार नहीं और अब किसान नेताओं के दोबारा बैठक में आने की संभावना कम है
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