Neha Bharti: वह इफ्तारी लेकर हर रोज जामा मस्जिद पहुंचती हैं और उन्हें देखते ही लोग जमा हो जाते हैं. हम बात कर रहे हैं नेहा भारती की जो तीन साल से रमजान पर मुस्लिम भाइयों को इफ्तारी खिला रही हैं.नेहा भारती पुरानी दिल्ली के चावड़ी बाजार करने की रहने वाली हैं. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकट साइंस में एमए किया है. इंडिया टुमॉरो से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनके परिवार के लोग बहुत सपोर्टिव हैं. उन्होंने कहा
कि जब मैंने इफ्तारी बांटना शुरू किया तो कई रिश्तेदार अपसेट हो गए थे. रिश्तेदारों ने कहा कि करना है तो अपनी कॉम्यूनिटी के लिए करो.



बीबीसी उर्दू से बातचीत में नेहा भारती ने कहा, ”मेरा मकसद लोगों तक खाना पहुंचाना नहीं बल्कि लोगों तक मोहब्बत पहुंचाना है. जामा मस्जिद में तीन साल से लगातार इफ्तार करा रही हूं. हर रोज अलग अलग चीजें बांटती हूं.”
नेहा ने कहा कि मेरे घर वाले और दोस्त मिलकर इफ्तारी बनाते हैं. रोजेदारों का रोजा खुलवाते हैं हमारी बहुत खुशनसीबी है कि बहुत लोग इफ्तारी लेने आते हैं मैं गैर-मुस्लिम हूं फिर भी इफ्तारी लेने आते हैं.
नेहा ने कहा कि सोशल मीडिया पर देखा तो सोचा कि इतनी नफरत बढ़ रही है. कुछ करना होगा. शुरू में जब यह काम शुरू किया तो घर वालों से पैसे लिए.उन्होंने आगे कहा कि जब पता चला कि इतना पैसा नहीं लगा लकते तो मैंने सोशल मीडिया पर वीडियो डालना शुरू किया, लोगों ने कहा कि वे सपोर्ट करना चाहते हैं.नेहा ने बताया कि हिंदू, मुस्लिम और सिख ने भी सामान पहुंचाया. मैंने वीडियो डालना शुरू किया और सहयोग मिला और आज यह कर पा रहे हैं.उन्होंने कहा कि लोगों की अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. लोग साथ में फोटो खिंचवाते हैं. सबको पता चलना चाहिए कि नफरत बढ़ाने की कोशिश की जाएगी लेकिन मोहब्ब्त जिंदा रहनी चाहिए.वह अपने दोस्तों के साथ रमजान के अवसर पर शाम के वक्त इफ्तारी लेकर जामा मस्जिद के गेट नंबर 3 पर पहुंचती है. वह हर दिन अलग-अलग तरह के पकवान लेकर पहुंचती है.