उत्तर-प्रदेश के अलीगढ़ से सरकारी मुलाजिम की लापरवाही का एक मामला सामने आया है. एक लड़की के जाति-प्रमाण पत्र को तीन बार इस वजह से खारिज किया गया, क्यूंकि उसने गले में मुस्लिम लड़की की तरह दुपट्टा डाल रखा था. इस वजह से वह नीट एग्जाम के लिए फॉर्म अप्लाई नहीं कर सकी. अब इस मामले की शिकायत जिला डीएम से की गई है.
लापरवाही का मामला कोल तहसील के नजदीकी गांव मंजूपगढ़ी का है, जहां एक हिन्दू लड़की ने जाति प्रमाण-पत्र के लिए अप्लाई किया था. फार्म की तस्वीर में लड़की ने सर पर दुपट्टा रखा हुआ था, जिसे कर्मचारी ने हिजाब समझ लिया और इसी फोटो को सबूत मानकर शक की बुनियाद पर जाति प्रमाण पत्र खारिज कर दिया.कर्मचारी ने यह लापरवाही एक नहीं बल्कि तीन बार की है. उसने एक बार भी लड़की के घर जाकर या फोन करके जानकारी लेना मुनासिब नहीं समझा. इसके वजह से लड़की के डॉक्टर बनने की ख्वाहिंश एक बार फिर अधूरी रह गई. आखिरी तारीख तक जाति प्रमाण-पत्र नहीं होने के वजह से लड़की एग्जामिनेशन फार्म नहीं अप्लाई कर पाई और इस साल भी एग्जाम नहीं दे पाएगी.डॉक्टर बनने का ख्वाबहेमा कश्यप एक मजदूर सुरेंद्र सिंह की बेटी है, जिन्होंने डॉक्टर बनने का ख्वाब देखा था, जिसके लिए उन्होंने पूरे साल कड़ी मेहनत और तैयारी की है. हालांकि हेमा के घर का हालात इतने बेहतर नहीं है कि उनके पिता उनकी पढ़ाई का खर्च उठा सकें.
हेमा ने अपने परिवार का सहारा बनने के लिए सपना देखा और इसे पूरा करने के लिए नीट की परीक्षा का फार्म अप्लाई करना था. नीट के फार्म अप्लाई के लिए जाति प्रमाण-पत्र मांगा गया, जिसके लिए हेमा ने 19 मार्च को ऑनलाइन अप्लाई किया. हेमा ने जिस दिन जाति प्रमाण-पत्र के लिए अप्लाए किया, उसी दिन फोटो भी खिचवाई थी.
हिजाब के वजह से फार्म खारिज
हेमा ने महज ज्यादा गर्मी के वजह से सर पर दुपट्टा रखा था और यही फोटो फार्म में लगा दिया था. जब कर्मचारी के पास फार्म पहुंचा तो उसने दुपट्टे को हिजाब समझ लिया और फार्म को खारिज कर दिया. पहले लड़की को लगा उससे फार्म भरने में कोई गलती हुई है, लेकिन तीन बार फार्म को रद्द कर जवाब आया कि जाति संदिग्ध है, इसलिए आवेदन रद्द किया गया है. तीन बार हुए इस लापरवाही की वजह से नीट फार्म अप्लाई करने की तारीख निकल गई.
कार्रवाई जारी
इस लापरवाही की शिकायत हेमा ने तहसीदार से की है , जिसके बाद लेखपाल को फटकार लगाई गई. इसके बाद लेखपाल ने कहा, “आप फिर से जाति प्रमाण पत्र के लिए अप्लाई करे, हम बना देंगे.
हेमा ने गुस्से में इस मामले की शिकायत डीएम से कर दी और डीएम ने मामले की जांच का हुक्म दिया है. हेमा का कहना है, अब मुझे सिर्फ प्रमाण पत्र नहीं बल्कि इंसाफ चाहिए. लेखपाल पर कार्रवाई हो, मेरी पहचान मेरा दुपट्टा नही है, मैं सनातनी संस्कृति का हिस्सा हूं और यही मेरी पहचान है.