हल्द्वानी में अवैध रूप से बने चार हजार से ज्यादा मकानों को ढहाने की तैयारी में प्रशासन

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हल्द्वानी। रेलवे की जमीन को अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा। नैनीताल हाईकोर्ट ने रेलवे की 78 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए 4365 भवनों को ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं। आज से अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई शुरू होनी है। शहर के कई लोग अवानतिक्रमण ध्वस्त करने के पक्ष में हैं, तो वहीं कई विरोध भी कर रहे हैं। जिससे क्षेत्र में माहौल गर्म है। कार्रवाई के विरोध में सैकड़ों लोगों ने थाने के बाहर धरना देकर अपना विरोध दर्ज कराया। अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाने के लिए पांच चौराहे से बनभूलपुरा का रास्ता ब्लॉक किया गया है। इस अभियान में 23 करोड़ खर्च किए जाएंगे और जिला अधिकारी ने अलग-अलग व्यवस्था के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय कर दी है। सात हजार पुलिस कर्मियों व 15 कंपनी पैरामिलिस्ट्री फोर्स की मौजूदगी में अतिक्रमणकारियों पर बुलडोजर गरजेगा। हजारों घरों को ध्वस्त करने से पहले ऊर्जा निगम साढ़े चार हजार घरों की बिजली काटेगा। निगम ने इसके लिए जिला प्रशासन को लाइन हटाने में आने वाले खर्च का बजट बनाकर भेज दिया है। अतिक्रमण टूटने से पहले विभाग बिजली के मीटर हटाने के साथ बेसमेंट को भी खाली करेगा। आगे पढ़िए रेलवे भूमि को लेकर पिलर लगाने की कार्रवाई के तहत पांच चौराहे से बनभूलपुरा का रास्ता ब्लॉक है। रेलवे बाजार, नया बाजार एवं ताज चौराहे के आसपास के क्षेत्र की दुकानें बंद की गई हैं। रेलवे और प्रशासनिक अमले की तैयारी पूरी है। सोमवार को रेलवे व प्रशासन की बैठक में तय हुआ था कि बुधवार से रेलवे पिलर लगाने के बाद मुनादी कराना शुरू कर देगा। इसी क्रम में आज पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल के अधिकारी स्थानीय प्रशासन व पुलिस अधिकारियों के साथ बनभूलपुरा पहुंचेंगे। जहां तक अतिक्रमण टूटना है, वहां पिलर लगाए जाएंगे। रेलवे बुधवार को पिलर लगाने के बाद मुनादी कराना शुरू कर देगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। बनभूलपुरा में पिलर बंदी व मुनादी को लेकर भारी विरोध की आशंका है। ऐसे में यहां बड़ी तादाद में पुलिस और पीएसी की तैनाती की गई है। खुफिया एजेंसियां भी नजर बनाए हुए हैं। बनभूलपुरा में आज बाजार बंद का ऐलान हो गया है। कारोबारियों, दुकानदारों व कर्मचारियों ने एक दिन विरोध में बाजार बंद करने का फैसला लिया है। उनका कहना है कि घर बचाने के लिए सब लोग एकजुट होकर आगे आएंगे। बता दें कि हाईकोर्ट ने रेलवे की 78 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए 4365 भवनों को ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं। साथ ही प्रशासन व पुलिस से सहयोग करने के लिए कहा है। इस क्षेत्र में बसे हजारों घर राजनीतिक पार्टियों के लिए मजबूत वोट बैंक रहे हैं, इसलिए सालों से यहां बुलडोजर तो दूर कोई हथौड़ा तक नहीं चला। अब कोर्ट के दखल के बाद यहां के लोगों की चिंता बढ़ गई है।