मोबाइल कंपनियों की चाल: नए फोन में चार्जर नहीं, कस्टमर परेशान, सरकार से अपील
देशभर में स्मार्टफोन यूज़र्स में नाराज़गी बढ़ रही है। कई बड़ी मोबाइल कंपनियों ने अपने नए स्मार्टफोन बॉक्स में चार्जर (पावर अडैप्टर) देना बंद कर दिया है।
कंपनियों का कहना है कि यह कदम पर्यावरण बचाने और इलेक्ट्रॉनिक कचरा कम करने के लिए है। लेकिन कस्टमर का कहना है कि बिना चार्जर फोन खरीदना असुविधाजनक और महंगा है, क्योंकि उन्हें चार्जर अलग से खरीदना पड़ता है।
कहावत: “सावधानी हटी, दुर्घटना घटी।”
– मतलब: अगर कंपनियां ग्राहक की सुविधा का ध्यान नहीं रखेंगी, तो परेशानी बढ़ेगी।
📱 चार्जर नहीं देने वाली बड़ी कंपनियाँ
- Apple
Apple ने iPhone 12 सीरीज़ और AirPods Pro 3 के साथ चार्जर हटाया। कंपनी का कहना है कि अधिकांश यूज़र्स के पास पहले से चार्जर मौजूद है। (theverge.com) - Samsung
Samsung ने Galaxy S21 सीरीज़ से चार्जर हटाया। कंपनी का कहना है कि यह कदम पर्यावरणीय कारणों से उठाया गया है। (androidcentral.com) - Sony
Sony ने Xperia 10 VII स्मार्टफोन के साथ चार्जिंग केबल नहीं दी। (techradar.com)
⚠️ कस्टमर की चिंता
कई यूज़र्स का कहना है कि बिना चार्जर फोन खरीदना ‘आधा फोन लेना’ जैसा है।
चार्जर अलग खरीदने पर ₹1,000–₹2,000 तक का अतिरिक्त खर्च आता है।
खासकर नए यूज़र्स और नियमित ग्राहक परेशानी महसूस कर रहे हैं।
🧭 सरकार से अपील
कस्टमर संगठनों और टेक विशेषज्ञों ने सरकार से अपील की है कि मोबाइल कंपनियों को चार्जर देना अनिवार्य बनाने के लिए नियम बनाए जाएं, ताकि उपभोक्ताओं की असुविधा कम हो और इलेक्ट्रॉनिक कचरा भी घटे।