ओडिशा में फिर इंसानियत शर्मसार: मॉब लिंचिंग में मुस्लिम प्रवासी मजदूर “जुएल” “शेख” की पीट-पीट कर हत्या, सरकार पर उठे गंभीर सवाल

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ओडिशा में फिर इंसानियत शर्मसार: मॉब लिंचिंग में प्रवासी मजदूर की हत्या, सरकार पर उठे गंभीर सवाल
खबर:
ओडिशा के संबलपुर जिले में बांग्लादेशी होने के शक में जुएल शेख नामक प्रवासी मजदूर की जॉम्बी भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। जुएल शेख पश्चिम बंगाल के निवासी थे और ओडिशा में मेहनत-मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे। काम से लौटते समय शांतिनगर की एक चाय दुकान पर रुके जुएल और उनके साथ मौजूद अन्य मजदूरों से कुछ अज्ञात लोगों ने जबरन पहचान पत्र मांगे। वैध दस्तावेज दिखाने के बावजूद हमलावरों ने उन्हें फर्जी बताते हुए बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया।
मारपीट के दौरान तीन मजदूर किसी तरह जान बचाकर भाग निकले, लेकिन जुएल शेख भीड़ के चंगुल में फंस गए। जॉम्बी भीड़ ने उन्हें बुरी तरह पीटा, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। घटना के बाद आरोपी फरार हो गए।
यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी देश के अलग-अलग हिस्सों में संदेह के नाम पर मॉब लिंचिंग की कई घटनाएं सामने आती रही हैं, जिनमें बेगुनाह लोगों की जान गई है। बावजूद इसके, ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सख्त और प्रभावी कानून लागू न हो पाना सरकार की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
जानकारों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि जब तक मॉब लिंचिंग के खिलाफ कड़ा कानून बनाकर उसे सख्ती से लागू नहीं किया जाएगा, तब तक ऐसी घटनाएं रुकना मुश्किल है। कानून-व्यवस्था बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन बार-बार हो रही हिंसक घटनाएं शासन-प्रशासन की विफलता को उजागर कर रही हैं।