आरटीआई में पीएम मोदी के साथ सेल्फ़ी पॉइन्ट का खर्च बताने के बाद रेलवे ने बदले नियम, जानकारी देने वाला अधिकारी भी बदला-

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PM Modi 3D Selfie Booth Cost RTI: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 3 डी सेल्फी बूथ और सेल्फी पॉइंट की वास्तविक लागत के बारे में जानकारी देने पर रेलवे के अधिकारी का ट्रांसफर करने का मामला सामने आया है।

जानकारी के अनुसार, आरटीआई में बूथ के बारे में जानकारी देने के बाद मध्य रेलवे ने अपने मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (PRO) शिवराज मानसपुरे का ट्रांसफर कर दिया। मानसपुरे के कार्यकाल के अंत से पहले ही उनका ट्रांसफर कर दिया गया, जो आमतौर पर दो साल तक चलता है। भारतीय रेलवे ने कई स्टेशनों पर पीएम के सेल्फी बूथ लगाए थे। बता दें कि सेल्फी बूथ को लेकर कांग्रेस समेत विपक्ष हमलावर है।

अमरावती जिले के सामाजिक कार्यकर्ता ने पूछे सवाल

जानकारी के अनुसार, अमरावती जिले के बडनेरा के सामाजिक कार्यकर्ता अजय बोस ने पांच जोनों में एक आरटीआई आवेदन दायर कर सेल्फी पॉइंट बनाने पर खर्च की गई राशि के बारे में जानकारी मांगी थी। उन्होंने मध्य रेलवे, पश्चिम रेलवे, दक्षिणी रेलवे, उत्तर रेलवे और उत्तर पश्चिम रेलवे में इनसे संबंधित जानकारी चाही थी।

मानसपुरे 2011 बैच के आईआरटीएस अधिकारी हैं। उन्होंने मई में सीपीआरओ के रूप में कार्यभार संभाला था। उनका 29 दिसंबर को बिना कारण बताए मुंबई मुख्यालय की ओर से ट्रांसफर कर दिया गया। उनकी जगह स्वप्निल डी नीला को लगाया गया है।

नई पोस्टिंग के बारे में जानकारी नहीं

TOI की खबर के अनुसार, मानसपुरे को उनकी नई पोस्टिंग की भी जानकारी नहीं दी गई है। इसके साथ ही मानसपुरे के ट्रांसफर आदेश से पहले रेलवे बोर्ड ने 28 दिसंबर को एडवाइजरी जारी कर सभी जीएम और डीआरएम को आरटीआई अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी से निपटने में सावधानी बरतने को कहा था।

दिसंबर में बोस को 3डी बूथों की संख्या के बारे में रेलवे डिवीजनों से अलग-अलग जवाब मिले थे। मध्य रेलवे को छोड़कर किसी भी मंडल ने अस्थायी और स्थायी बूथ बनाने पर आने वाली लागत के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दिया। कई मंडलों ने तो प्रश्नों का उत्तर ही नहीं दिया। अजय बोस को इसके तहत कुल 187 बूथों के बारे में जानकारी मिली, जिनमें से 100 से ज्यादा उत्तर रेलवे के हिंदी बेल्ट में थे।

अस्थायी बूथ की लागत 1.25 लाख रुपये

आरटीआई के अनुसार, मध्य रेलवे का कहना है कि पांच डिवीजनों- नागपुर, मुंबई, पुणे, भुसावल और सोलापुर में 30 स्टेशनों पर अस्थायी और 20 स्टेशनों पर स्थायी सेल्फी बूथ लगाए गए हैं। क्लास-ए स्टेशन पर प्रत्येक अस्थायी बूथ की लागत 1.25 लाख रुपये थी।

स्थायी बूथ की लागत 6.25 लाख

जबकि क्लास सी स्टेशनों पर स्थायी बूथ की लागत 6.25 लाख थी। बोस का कहना है कि मध्य रेलवे से जानकारी उप महाप्रबंधक (पीआईओ-मुख्यालय) अभय मिश्रा ने प्रदान की थी, लेकिन सीपीआरओ को हटा दिया गया है। हालांकि नीला ने इस बात से इनकार किया कि मानसपुरे का ट्रांसफर आरटीआई का जवाब देने से हुआ है। इसे ‘शीर्ष स्तर का फैसला’ बताते हुए कमेंट करने से इनकार कर दिया।

मानसपुरे को मिल चुका है सम्मान

मानसपुरे अपनी बेहतर छवि के लिए जाने जाते हैं। भुसावल डिवीजन में सीनियर डिविजनल कमर्शिल मैनेजर के रूप में उनका कार्यकाल बेहतर रहा था। इस दौरान उन्हें रेलवे की कमाई बढ़ाने, बिना टिकट यात्रा और चोरी से निपटने के लिए किए गए विशेष प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया था। यह पुरस्कार केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 15 दिसंबर, 2023 को दिल्ली में दिया था। अब अचानक हुए ट्रांसफर ने चौंका दिया है।