नागपुर : मेयो हॉस्पिटल की समस्याओं को लेकर राकांपा की मांग

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मेयो हॉस्पिटल की समस्याओं को लेकर राकांपा की मांग

गरीब रोगियों को हो रही असुविधा, सुधार की जरुरत

        राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी जनता के स्वास्थ को लेकर हमेशा से ही बहुत गंभीर रही है। लॉकडाउन और कोरोना काल में सभी वर्ग के नागरिकों को स्वास्थ्य संबंधी असुविधा का सामना ना करना पड़े, उस समय तत्कालीन आरोग्य मंत्री मा. श्री. राजेशजी टोपे साहेब ने कई बहतरीन कदम उठाए थे। लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे परिस्थिति सामन्य होने के बाद आरोग्य व्यवस्था चरमरा गई है।

        मध्य नागपुर राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी की ओर से माजी गृह मंत्री अनिलबाबु देशमुख व शहर अध्यक्ष दुनेश्वर पेठे के मार्गदर्शन में एवं मध्य नागपुर अध्यक्ष रिज़वान अंसारी के नेतृत्व में एक शिष्ठ मंडल ने इंदिरा गांधी शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व रुग्णालय (मेयो हॉस्पिटल) के अधिष्ठाता  संजय बिजवे को ज्ञापन सोंपते हुए बताया कि रुग्णलय में ओ.पी.डी. का समय दोपहर 2.00 बजे तक है लेकिन अस्पताल कर्मचारी दोपहर 12.30 बजते ही मरीज़ को ओपीडी में लेना बंद कर देते है। उसके बाद आए हुए मरीज़ को दुसरे दिन आने के लिए कहते है। जबकि मरीज़ों को 2.00 बजे तक ओ.पी.डी. की सुविधा मिलनी ही चाहिए। मरीज़ों के लिए फॉर्मेसी भी ओ.पी.डी. के साथ दोपहर 2.00 बजे बंद हो जाती है। गरीब मरीजों के पास खाने के लिए पैसे नहीं होते और उन्हें बाहर से दवाइयां खरीदनी पड़ती हैं। यह गरीबों के लिए बहुत दिक्कत की बात है। गरीबों को राहत देने के लिए फार्मेसी 24 घंटे खुली रहनी चाहिए। फॉर्मेसी में 3 दिन से ज्यादा की दवाईयाँ मरीज़ों को नहीं मिलती जबकि डॉक्टर्स 7 दिन की दवाईयाँ लिखकर देते है। अगर डॉक्टर्स 7 दिन की दवाईयाँ लिखकर देते है तो फॉर्मेसी कर्मचारियों को 7 दिन की दवाईयाँ देनी ही चाहिए। सरकार हर साल दवाओं पर करोड़ों रुपए खर्च करती है। लेकिन गरीबों को मुफ्त दवाईयाँ नहीं मिलती। दवाईयों के लिए सरकार की निधी कहां जा रही है? इसकी जांच करने की जरूरत है। आर.टी.आई. एक्ट के तहत जब कोष खाते की मांग की जाती है तो वह खाता भी नहीं दिया जाता है। आशंका जताई जा रही है कि बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। इसकी जांच होनी चाहिए।

        हर दिन हज़ारों मरीज़ IGGMCH आते है। उनके उपचार के लिए केवल 2 Sonography और 2 x-ray मशीन्स है। यह प्रयाप्त नहीं है। अस्पताल प्रशासन को चाहिए कि सरकार से मांग करे और इसकी संख्या बढ़ाए ताकि मरीज़ों का उपचार आसानी से हो सके। पैथॉलॉजी विभाग में महिला व पुरुष की अलग-अलग कतार होना चाहिए और कतार में लगे सभी मरीज़ों से प्रशासन कर्मचारियों का अच्छा व्यवहार होना चाहिए। हर डॉक्टर के एप्रॉन पर हमेशा उसके नाम की Name Plate होनी चाहिए। जिस्से रोगी को पता चल सके कि उसका इलाज करने वाला डॉक्टर कौन है? क्योंकि अक्सर Resident Doctors रोगी के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं। शिकायत के लिए उनका नाम पूछने पर वह अपना नाम भी नहीं बताते है। यदि कोई समस्या हो तो मरीज को शिकायत किससे करनी चाहिए यह सवाल उठता है? इस पर ध्यान देने की अति आवश्यकता है।

        सरकार की ओर से डॉक्टर्स को NPA (Non Practising Allowances) दिया जाता है, ताकि सरकारी डॉक्टर्स बाहर प्राइवेट प्रैक्टिस न कर सके। इसके बावजूद कई डॉक्टर्स अपने प्राइवेट क्लीनिक और बड़े-बड़े  हॉस्पिटल चला रहे हैं और सरकार से मदद भी ले रहे हैं। ऐसे डॉक्टर्स के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

        राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी मध्य नागपुर ने प्रशासन से पहले भी कई बार मांग की है कि IGGMCH में आने वाले मरीज़ों के परिजनों के लिए पीने के पानी की अच्छी व्यवस्था करना चाहिए। यह भी बताया कि पीने के पानी की टंकी कभी साफ नहीं होती। राकांपा के कार्यकर्ताओं के जांच अनुसार पीने का पानी टंकी में ही नहीं रहता। पता नहीं रोगियों के परिजन कैसे अपना गुजारा करते होंगे? बीमार व्यक्ति के परिजनों के रहने की व्यवस्था पर जोर देते हुए कहा कि जल्द से जल्द इस विषय पर कार्यवाई हो और इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजने की आवश्यकता है।

        ज्ञापन सौंपते समय उपाध्यक्ष मो. इद्रीस (मुन्ना भाई), जावेद खान, प्रवक्ता रियाज़ खान, महासचित आसिम अंसारी, शेख शाहिद, वकार हनीफ, मो. सादिक अंसारी, नसीम अख्तर, तारिक जमाल, असरार अंसारी, इफतेखार अहमद, फहीम अंसारी, इद्रीस अंसारी, फैज़ान अंसारी, वसीम अंख्तर अंसारी, इमरान शेख, आसिफ शेख मो. वसीम अंसारी, वसीम अकरम अंसारी, मोहसिन शाही, हर्षद भेंडे, अहवाज़ खान, अज़लान शेख, सकलैन शेख आदि कई पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं का समावेश था।