समाज सुधारक संतों का प्रतिबिम्ब हैं हज़रत मुहम्मद साहब – डॉ रफ़ीक़ पारनेरकर नागपूर

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नागपूर – भारत देश के सभी धर्मों के हज़ारों शहीदों ने जो सपना देखा था उस के लिए उन्होने अपनी जानें कुर्बान कीं थीं । हजारों संतों में वारकरी संप्रदाय , तुकाराम महाराज , संत गाडगे बाबा, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज जैसों का भी आदर्श समाज के लिए एक सपना था। इन सपनों को हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहू अ़लैहि वसल्लम ने 1500 वर्ष पहले वस्तुत: करके दिखाया दिया। इस संबंध में यह कहा जा सकता है कि हमारे देश में जितने भी समाज सुधारक हुए हैं उनमें यदि महाराष्ट्र का उदाहरण लें तो महात्मा ज्योतिबा फुले, शाहू महाराज , राजा छत्रपति , डॉ बाबा साहेब अंबेडकर ने जिस आदर्श देश और समाज की कल्पना की थी उसकी कृति , छवि और प्रतिबिंब कोई है तो वह पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहू के द्वारा लाई ला गई क्रांति है । पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहू अ़लैहि वसल्लम ने अपने प्रबोधन और प्रयासों के फलस्वरूप मानव हितार्थ व्यक्तिगत , पारिवारिक, शैक्षाणिक क्षेत्र के साथ ही प्रशासनिक, न्याययिक ,अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र में परिपूर्ण सर्वांगीण क्रांति लाई । इतिहास में इस प्रकार के बदलाव का कोई दूसरा उदाहरण कहीं भी नहीं मिलता। उस समय के परिवर्तन ने इंसानों को शारीरिक, बौद्धिक सभी प्रकार की गुलामी से मुक्ति दिलाई और लोगों ने धर्म, अभिव्यक्ति आदि की स्वतंत्रता का भरपूर आनंद लिया । इस परिधी में सारी दिवालों को तोड़ कर समता , बंधुत्वता ने भी बढ़ चढ़ कर भाग लिया। हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहू अ़लैहि वसल्लम उस समाज के सारे रंग भेद समाप्त कर दिए , गुलामों को मुक्त करा दिया , इंसानों को भाई भाई बना दिया। अरबवासियों ने रोटी बेटी व्यवहार में उन गुलामों को विवाह में अपनी बेटियां भी दीं। सामाजिक जीवन में न्याय के क्षेत्र में अद्वितीय कारनामों के तहत हज़रत मुहम्मद साहब ने लोगों को न्याय पर उभारा कि वे अपने घर में भी न्याय से रहें और हर क्षेत्र में न्याय और उसके सिद्धांत को दृढ़ता से पकड़े रहें । प्रत्येक व्यक्ति न्याय प्रिय था। यह न्याय शब्द अल्लाह सर्वशक्तिमान के विशेष नाम आ़दिल से है , अर्थात् न्याय करने वाला। वह न्याय करने वालों को ही पसंद करता है , अन्याय करने वालों को नहीं । यह न्याय-व्यवस्था उसी आदर्श क्रांति का भाग रही है। गरीबी हटाओ नारों का दौर चला था लेकिन गरीबी हटी नहीं, गरीबी हटना तो दूर की बात उसमें और अधिक बढ़ोत्तरी हो रही है । लेकिन उस समय पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहू अ़लैहि वसल्लम ने इंसानों को ऐसी अर्थव्यवस्था दी जिसके परिणामस्वरुप समाज का हर कुटुंब गरीबी रेखा से ऊपर आकर ज़कात देने की स्थिति में आ गया जहां ज़कात देने वाले थे लेने वाले नही थे । शैक्षणिक योगदान के अंतर्गत शिक्षा को उसी प्रकार अनिवार्य करार दिया गया जिस प्रकार नमाज़, रोज़ा , हज , ज़कात । न सिर्फ पुरुषों , छात्रों को बल्कि महिलाओ, छात्राओं को ज्ञान प्राप्त अनिवार्य किया। पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहू अ़लैहि वसल्लम की सर्वांगीण क्रांति विश्व जगत को प्रकाशवान करने से संबंधित है , इस योगदान को आम किया जाना चाहिए। इसी बात के इच्छुक सारे भारतीय भी हैं ।आज बन्धु भाव भयंकर रूप से पैरों तले रौंदा जा रहा है, समता और स्वतंत्रता की भी समान स्थिति है । अब तो बोलना भी अपराध है ।अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नाम मात्र को रह गई है। इन सभी बातों को लोगों से सामने लाना अति आवश्यक है। सारे भारतवासियों से जो हमारे भाई हैं हम प्रतिज्ञा करते हैं कि पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहू अ़लैहि के बारे में उन के मन में जो भी शंकाएं हैं उन्हें और पैग़म्बर साहब का संपूर्ण विश्व के लिए दयावान होने को हम स्पष्ट करते रहेंगे । ये विचार राज्य धार्मिक जन मोर्चा और राज्य सद्भावना मंच के सचिव डॉ रफीक़ पारनेर ने निम्न दोनों कार्यक्रमों में व्यक्त किए। जेआईएच नागपूर सेंटर के तत्वावधान में यह कार्यक्रम गांधी बाग़ में स्थित होटल स्टार रेसीडेंसी में आयोजित किया गया था । इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से महात्मा गांधी स्मारक भवन के सचिव सुनील पाटिल , शेतकरी नेता विजयराज जवंदधिया, गुरुदेव सेवा मंडल के ज्ञानेश्वर रक्षक ने विभिन्न भारतीय धर्मों , संतों , मुहम्मद साहब के जीवन की घटनाओं और जीवन के नैतिक मूल्यों की शिक्षाओं से अवगत कराया। कार्यक्रम में नागपुर जैन समाज के अध्यक्ष दिलीप गांधी , मुस्लिम विकास परिषद के जावेद पाशा , डॉ. फुलहरे सहित अत्यधिक संख्या में बुद्धिजीवी उपस्थित थे। कार्यक्रम का आरंभ पवित्र क़ुरआन के पठन के साथ प्रस्ताविक भाषण प्रोफेसर ख़्वाजा इज़हार अहमद ने दिया। सेंट्रल जमाअ़त के अध्यक्ष जियाउर्रहमान ने आभार व्यक्त किया और सौहेल अंसारी ने इस कार्यक्रम का मंच संचालन ने किया । संगठन की नार्थ शाखा में टेका , आसी नगर चौक में स्थित इस्लामी कल्चर सेंटर में “पैग़म्बर परिचय सम्मेलन” कार्यक्रम मुख्य वक्ता रफ़ीक़ पारनेरकर साहब और शहर अध्यक्ष ख़्वाजा इज़हार अहमद ने बतौर मुख्य अतिथि के अपने अपने विचार व्यक्त किए। इस कार्यक्रम में स्थानीय अध्यक्ष साजिद अहमद ने मंच संचालन और आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में भी काफ़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। यह जानकारी जेआईएच मीडिया सचिव डॉ एम ए रशीद ने दी।