*जरूरतमंद बुजुर्गों को प्रतिमाह पेंशन में मिले 7000₹ सम्मान राशि* बुजुर्ग हमारी नैतिक जिम्मेदारी होते चाहे वह परिवार के हो या प्रदेश के । वर्तमान में पेंशन स्वरूप दी जा रही राशी उंट के मुंह में जीरा से ज्यादा कुछ भी नहीं । महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी ( Aicc विचार विभाग ) के उपाध्यक्ष युगल के. विदावत ने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि सभी जरूरतमंद बुजुर्गों विधवाओं तथा अनाथ बच्चों को एक समान कम से कम ७०००₹ प्रतिमाह पेंशन राशी दी जाए ।


बुजुर्गों को पेंशन लागू करवाने के लिए भी जिलाधिकारी कार्यालय के धक्के खाने पड़ते हैं, इस प्रक्रिया का भी सरलीकरण किया जाए । दी जा रही पेंशन में केंद्र सरकार का हिस्सा बढ़ाया जाने की भी मांग की गई ।
बढ़ती महंगाई और दुर होते पारिवारिक रिश्तो यह राशी पुल का निर्माण करेंगी और बढ़ते एकाकी जीवन से बुजुर्गों को राहत भी मिलेंगी । इस प्रकार की सकारात्मक राशी देने से गरीब परिवार बुजुर्गों को बोझ की बजाय जिम्मेदारी समझेंगे तथा वृद्धाआश्रमो पर दबाव भी कम होने की उम्मीद बनेंगी । अगर सरकार वोटो की राजनीति से बाहर झांकेगी तो उसे दिखाई देंगा कि बुजुर्ग भी उसी सरकार की जिम्मेदारी है जो अपनी लाडली बहनों पर करोड़ों रुपया स्वाहा कर रही हैं । विदावत ने शहर कांग्रेस के शिष्टमंडल के साथ अति. जिलाधिकारी अनूप खांडे साहब से मिलकर उपरोक्त मांग का ज्ञापन सौंपा तथा आशा व्यक्त की कि जल्द ही महाराष्ट्र सरकार इस विषय पर निर्णय लेंगी । सिस्ट मंडल में गिज्जू ठाकुर, मेहुल आडवाणी, गुड्डू नेताम, रवि पराते, अभिजीत ठाकरे, हर्षल दिवे, रोहन खोटे, इत्यादि प्रमुखता से उपस्थित रहे ।