इंटरफेथ सिंपोजियम – पड़ोसियों के अधिकार” पर जेआईएच का कार्यक्रम( सृष्टिकर्ता और लोगों में पहला अधिकार अल्लाह का,9 अधिकार इंसानों के,इनमें पड़ोसियों का बहुत ऊंचा स्थान है)वाजिद अली ख़ान ने अध्यक्षता में पड़ोसियों के अधिकारों पर चर्चा की

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“इंटरफेथ सिंपोजियम – पड़ोसियों के अधिकार” पर जेआईएच का कार्यक्रम
( सृष्टिकर्ता और लोगों में पहला अधिकार अल्लाह का , 9 अधिकार इंसानों के , इनमें पड़ोसियों का बहुत ऊंचा स्थान है)
वाजिद अली ख़ान ने अध्यक्षता में पड़ोसियों के अधिकारों पर चर्चा की

नागपूर  - "ईश्वर अल्लाह की वंदना करो, किसी चीज़ को उसका साझी न बनाओ तथा माता-पिता, समीपवर्तियों, अनाथों, निर्धनों, समीप और दूर के पड़ोसी, यात्रा के साथी, यात्रि और अपने दास दासियों के साथ उपकार करो। निःसंदेह अल्लाह उससे प्रेम नहीं करता, जो अभिमानी अहंकारी हो" । यह पवित्र क़ुरआन की सूरा निसा की 36 वी पंक्ति है । इसमें 10 प्रकार की विशेषताओं के अधिकार बताए गए हैं। यथा सृष्टिकर्ता और लोगों में पहला अधिकार अल्लाह का और 9 अधिकार इंसानों के हैं। इनमें हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहू अ़लैहि वसल्लम ने पड़ोसियों का बहुत ऊंचा स्थान बताया है कि रहमते दो आलम को लगा कि जिबरईल अलैहिस्सलाम शायद विरासत में अधिकार बता देंगे । हज़रत मुहम्मद सअ़व ने तीन बार क़सम खाई कि वह मोमिन नहीं हो सकता, वह मोमिन नहीं हो सकता, वह मोमिन हो नहीं सकता, आदर्श साथियों ने तड़प कर पूछा कि कौन या रसूल सअ़व! आप सअ़व ने फ़रमाया कि वह व्यक्ति जिसकी तक्लीफ़ से उसका पड़ोसी सुरक्षित हो । ये विचार जमाअ़त ए इस्लामी हिंद महाराष्ट्र के राज्य सचिव वाजिद अली ख़ान ने " इंटरफेथ सिंपोजियम – पड़ोसियों के अधिकार" कार्यक्रम में व्यक्त किए। 

यह कार्यक्रम जमाअ़त ए इस्लामी हिंद नागपुर (नॉर्थ वेस्ट) के तत्वावधान में झिंगाबाई टाकली,
नशेमन हाउसिंग सोसाइटी के समीप स्थित दारुस्सलाम में आयोजित किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि आप सअ़व ने दूसरी मुख्य बात यह फ़रमाई कि पड़ोसी का मामला यह है कि तुम जो अपने लिए पसंद करते हो वह पड़ोसी के लिए पसंद करो । तीसरी मुख्य बात यह कि आप सअ़व ने फ़रमाया कि वह मोमिन ही नहीं जो स्वयं पेट भर खाए और उसका पड़ोसी भूखा हो। फिर उसके बाद आपने महिलाओं के लिए दो उदाहरण दिए। वह औरत जो नमाज़ , रोज़े , दान दक्षिणा में तो प्रचुरता करती है लेकिन पड़ोसी को परेशान करती है। वह जहन्नुमी है। फिर उसके सम्मुख आप सअ़व ने फ़रमाया कि जो महिला नमाज़ , रोज़े , दान दक्षिणा में कम है लेकिन पड़ोसी को तक्लीफ़ नहीं देती वह जन्नती है।
इस अवसर पर पंज प्रधानी प्रणाली पंथक जत्था प्रतिनिधि हरप्रीत सिंह अहलूवालिया ने सेवा और पड़ोसियों के साथ खड़े होने की सिख शिक्षाओं के बारे में बात की।
डॉ. विपिन बोवर ने बाइबिल के आदेशानुसार “अपने पड़ोसी से प्यार करो” पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी का कोई धर्म नहीं होता। अपने पड़ोसी को बिना धर्म जाती के सम्मान देना आवश्यक है। हमें श्रृष्टि से नहीं श्रृष्टि कर्ता से जुड़ना चाहिए।
पीस एंबेसडर तोखी साहब ने कहा कि शांति पड़ोसियों के प्रति अच्छे कामों से शुरू होती है। हर पड़ोसी को चाहे वू किसी भी धर्म का क्यों न हो उसे सुरक्षा , सम्मान और शांति का अधिकार दिया जाना चाहिए। पड़ोसी को मुश्किल समय में सहानुभूति का अधिकार और पड़ोसी को अच्छे व्यहवार का अधिकार मिलना चाहिए।
कार्यक्रम में अत्यधिक संख्या में लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का आरंभ पवित्र क़ुरआन पठन से नफीसा ख़ान ने, मंच संचालन मोहम्मद उमर खान ने और आभार प्रदर्शन स्थानीय अध्यक्ष इंतिखाब आलम ने किया। यह जानकारी मीडिया सचिव डॉ एम ए रशीद ने दी।