नागपुर – देश में बलात्कार के बढ़ते मामलों को लेकर महिला सद्भावना मंच नागपुर , जमाअ़त ए इस्लामी हिंद नागपुर , विदर्भ मुल्कारिन संगठन ,
जागृति बहुउद्देशीय जनसमिति ,
ग्रौ उद्योग महिला समिति , ओबीसी महिला संगठना, महिला शक्ति मोर्चा
एवं अन्य महिला संगठनों ने मिलकर संविधान चौक पर धरना प्रदर्शन किया । तत्पश्चात ज़िला तहसीलदार एवं ज़िला अधिकारी महोदय को अपना रोष दर्ज करवाते हुए ज्ञापन सौंपा ।
निषेध दर्ज कराते हुए विदर्भ मुल्कारीन महिला संगठन की अध्यक्षा सुजाता भोंगाड़े ने कहा कि कोलकाता में डाक्टर बेटी के साथ हुए जघन्य अपराध से हम सभी अत्यधिक दुखी हैं । सभी बलात्कारियों को कठोर दंड दिए जाने की मांग करते हैं।
जागृति बहुउद्देशीय जनसमीति की अध्यक्षा कनीज़ शेख़ ने वर्तमान गंभीर अपराधों में दोषियों के लिए कानून व्यवस्था को गलत ठहराया। उन्होंने कहा कि बलात्कारियों को कठोर दंड देने में विलंब होता है । यही कारण है कि देश में बलात्कार के मामलों में दिन प्रतिदिन बढ़ोत्तरी हो रही है। व्यवस्था में सुधार लाने की आवश्यकता है।
जेआईएच वेस्ट इंचार्ज ज़ेबा ख़ान ने समाज में फैल रही अश्लीलता को दूर करने तथा ऐसे पापियों और दोषियों पर कठोरतम दंड़ सुनिश्चित करते हुए अपना रोष व्यक्त किया ; वहीं साऊथ इंचार्ज डॉ शिरीन ख़ान ने महिलाओं पर बढ़ते अपराधों की चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि महिला संगठन कब तक निषेध करते रहेंगे और स्वयं एक डॉक्टर के नाते हम इन अपराधों से कैसे सुरक्षित रह सकेंगे ।
डा सबिहा खान ने सद्भावना मंच एवं जमाअ़त ए इस्लामी हिंद नागपुर महिला विभाग का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि कोलकाता की डॉ बेटी के लिए आवाज़ उठाई जा रही थी कि महाराष्ट्र के बदलापुर में 6 वर्षीय दो मासूम बेटियों के साथ उस से भी अधिक प्रवृत्ति का जघन्य अपराध घटित हो गया। हमारी बेटियां स्कूल और हॉस्पिटल में सुरक्षित नहीं रहीं, बेटियां पढ़ीं लेकिन फिर भी नही बचीं।
क़ानून व्यवस्था असहाय और अपाहिज होकर रह गई है। बदलापुर में एफआईआर के लिए पीड़िता की प्रेगनेंट माता को 10 घंटे की प्रतिक्षा करवाई गई! कुछ ही आरोपियों को हिरासत में लेने से बलात्कार पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता।मीडिया, सोशल मीडिया के माध्यम से परोसी जा अश्लीलता पर लगाम लगाना अति आवश्यक है। वह अपराधिक मानसिकता का स्रोत हैं।
अश्लील ऐप और वेबसाइटों को बंद करना होगा।
शाहाना ख़ान,आयशा ख़ान,ज़ाहिदा ख़ान, अफ़रोज़ कुरेशी, नुसरत आसमा ने कड़ी निंदा और निषेध व्यक्त करते हुए दोषियों को कठोरतम सज़ा देने की मांग की। उन्होंने इस्लाम में बलात्कारी की सज़ा पर कहा कि दोषी को खुले मैदान में पत्थरों से पीट कर मारना होता है । ऐसा दंड किसी भी बलात्कारी की हिम्मत नही जुटा पाएगा। जिजाऊ ब्रिगेड से जया देशमुख, स्वाति शिंदे , सीमा टालाटुले , अरुणा भोंडे, सविता , नंदा देशमुख, अनिता ठेंगरे, सोनाली दळवी आदि महिलाओं ने भी निषेध में भाग लिया था । जमाअ़त ए इस्लामी हिंद नागपुर की बेनजीर खान, बुशरा कुर्रतुल ऐन, ज़ाहिदा अंसारी, ज़ोहरा ख़ातून ,
अमरीन, आमिना, बुशरा ऐमन, उनैबा ख़ान,शबाना शेख़, साजेदा परवीन, डॉ सादिया,आयशा कुरैशी, अंबरीन नाज़ ,आमिना परवीन, आसमा परवीन, डॉ गज़ाला, शबाना शेख़ ,
तस्लीम कौसर, अफ़शा ख़ान के परिश्रम से हुंकार भरे निषेध को सफलता मिली। यह जानकारी जेआईएच मीडिया सेक्रेटरी डॉ एम ए रशीद ने दी।