नागपुर: राष्ट्र विरोधी कृत्य और धार्मिक कट्टरता फैलाने में लिप्त आतंकी माड्यूल ‘गजवा-ए-हिंद’ के प्रकरण में एनआईए ने गुरुवार तड़के नागपुर में चार स्थानों पर छापे मारे। इस ऑपरेशन के दौरान एनआईए ने दस्तावेज, लैपटॉप, मोबाइल सहित कई महत्वपूर्ण सबूत बरामद किए हैं। शहर में पहली दफा एनआईए द्वारा कार्रवाई किए जाने से पुलिस में भी हड़कंप मचा हुआ है।
सूत्रों के अनुसार एनआईए की पटना इकाई ने 27 जुलाई 2022 को यह मामला दर्ज किया था। इसमें ‘गजवा-ए-हिंद’ नामक संगठन से जुड़े लोगों ने पाकिस्तान में राष्ट्र विरोधी और कट्टरता फैलाने वाले संदेश भेजे थे। एनआईए और खुफिया एजेंसियों ने यह संदेश मिलने के बाद मामला दर्ज कर एक आरोपी को गिरफ्तार किया था।
एनआईए की जांच में नागपुर के संदिग्धों के गिरफ्तार आरोपी और उससे जुड़े लोगों के संपर्क में होने का पता चला। इसके आधार पर एनआईए टीम बुधवार रात नागपुर पहुंची। उसने पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार की मदद से छापे की योजना बनाई। गुरुवार तड़के 4 बजे एक ही वक्त पर एनआईए अधिकारियों ने पुलिस की मदद से चार स्थानों पर दबिश दी।
कोतवाली थाने के तहत गवलीपुरा निवासी फरहान अली लियाकत अली, लकड़गंज थाने के तहत सतरंजीपुरा की बड़ी मस्जिद के पास रहने वाले अख्तर रजा मो. मुख्तार रैन और अब्दुल मुख्तदीर अब्दुल मुस्तफा तथा ग्रामीण में कुही थाने के तहत मांडल में मो. जमील के घर पर छापा मारा गया।छापे के वक्त चारों संदिग्ध के परिजन सोए हुए थे। वे एनआईए टीम और पुलिस को देख सकपका गए।
एनआईए टीम ने मकान की घेराबंदी करके तलाशी ली। इसमें मोबाइल, लैपटॉप, पेन ड्राइव और दस्तावेज मिलने का पता चला है। सूत्रों के अनुसार चारों संदिग्ध ‘गजवा ए हिंद’ से जुड़े हैं। उन्होंने संगठन के बड़े पदाधिकारियों से कई मर्तबा राष्ट्र विरोधी और धार्मिक कट्टरता फैलाने वाली चैटिंग की है।
इसके आधार पर ताजा कार्रवाई की गई है। एनआईए टीम ने संदिग्धों के परिजनों से भी पूछताछ की है। फरहान अली का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड होने का संदेह है। अख्तर और मुख्तदीर फल बिक्री तथा ऑटो चलाते हैं। उनके परिजन सतरंजीपुरा के पुराने निवासी हैं। ‘गजवा-ए-हिंद’ उत्तर भारत और बिहार में अधिक सक्रिय है. वहां के कई संदिग्ध एनआईए के रडार पर हैं।
एक्शन मोड में थी एनआईए
एनआईए टीम ने तड़के 4 बजे चारों संदिग्धों के मकान की घेराबंदी की थी। सुरक्षा के लिहाज से सभी को ‘एक्शन’ के मोड में रखा गया था। एनआईए अधिकारियों का रवैया देखकर दो संदिग्धों के परिजन उग्र हो गए थे। वे बेवजह फंसाने का आरोप लगाकर शोर मचाने लगे, जिससे कुछ देर के लिए तनाव निर्माण हो गया। एनआईए अधिकारियों द्वारा सख्ती से पेश आने पर परिजन शांत हो गएl
पांच घंटे तक चला ऑपरेशन
एनआईए का यह ऑपरेशन करीब पांच घंटे तक चला। इस दौरान संदिग्धों के घर के सदस्यों को भी नजरबंद कर दिया गया था। परिजन संदिग्धों की जानकारी देने से बच रहे थे। यह देखकर एनआईए टीम ने पड़ोसियों से भी सच्चाई पता करने का प्रयास किया। सुबह करीब 9 बजे के दौरान छानबीन खत्म होने पर एनआईए टीम दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद करके रवाना हो गई।