देशी गन ने दिवाली की खुशियों को दिया दर्द,125 से ज्यादा लोग झुलसे – एक दर्जन की आंखों की रोशनी गई

9

💥 देशी गन ने दिवाली की खुशियों को दिया दर्द, 125 से ज्यादा लोग झुलसे – एक दर्जन की आंखों की रोशनी गई

भोपाल।
दिवाली की रात खुशियों को मातम में बदल दिया “देशी गन” ने। भोपाल सहित आसपास के इलाकों में देशी गैस गन से हुए धमाकों ने 125 से अधिक लोगों को घायल कर दिया। इनमें कई लोगों के चेहरे और आंखें बुरी तरह झुलस गईं, जबकि करीब एक दर्जन लोगों की आंखों की रोशनी चली गई।

🔥 100 रुपए की गन, पर जिंदगीभर का दर्द

मरीजों ने बताया कि यह गन सस्ती और दिखने में आकर्षक लगती है, लेकिन इसमें भरी जाने वाली एसीटिलीन गैस के कारण तेज धमाका होता है। एक पल की खुशी में जिंदगीभर का नुकसान हो गया।
– “गन फटते ही आंख में तेज जलन हुई, अब दिखाई नहीं दे रहा।” – रहीम अहमद, भोपाल

⚠️ गन की खतरनाक सच्चाई

विशेषज्ञों का कहना है कि इस गन में एसीटिलीन गैस भरने पर केमिकल रिएक्शन से विस्फोट होता है। यह गैस अत्यधिक ज्वलनशील होती है और आंखों, चेहरे व त्वचा को गंभीर रूप से जला देती है।

👁️ अस्पतालों में लंबी कतारें

हमीदिया अस्पताल में 36, बीएमएचआरसी में 18, सैया अस्पताल में 45 और अन्य अस्पतालों में दर्जनों घायल भर्ती कराए गए। कई मरीजों की आंखों में कॉर्निया का गंभीर नुकसान हुआ है।
डॉक्टरों के अनुसार, कुछ मरीजों की कॉर्निया ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ेगी।

📱 सोशल मीडिया से आया ट्रेंड

शहर के युवाओं में यह “देशी गन” सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो देखकर चलन में आई। यह गन 80 से 100 रुपए तक में बेची जा रही थी। प्रशासन ने अब इनकी बिक्री पर रोक लगाने की बात कही है।

🚨 डॉक्टरों की चेतावनी

“इस तरह की देशी गन या पटाखों का प्रयोग बेहद खतरनाक है। थोड़ी सी लापरवाही से आंखें और सुनने की शक्ति जा सकती है।”
डॉ. संजीव अग्रवाल, नेत्र विशेषज्ञ


📰 निष्कर्ष:
एक छोटी-सी गलती और थोड़ी-सी लापरवाही ने 125 से ज्यादा परिवारों की दिवाली को अंधकार में बदल दिया। प्रशासन और नागरिकों को अब जागरूकता बढ़ाने की सख्त जरूरत है ताकि “खुशियों का त्योहार” किसी की जिंदगी पर भारी न पड़े।