जाफ़र नगर के ईदगाह ग्राउंड में ईदुल अज़हा की नमाज़ का भव्य आयोजन”कुर्बानी की भावना की स्थिति हमें अपने अंदर पैदा करना बहुत ज़रूरी है” रिजवानुर्रहमान ख़ान
नागपुर – सैयदना इब्राहिम अलैहिस्सलाम इराक में पैदा हुए थे , फ़िलिस्तीन , मिस्र आदि से होते हुए वे काबा के निर्माण के लिए मक्का गए । जिस समय वे वहाँ गए उस समय वह ऐसी जगह थी जहाँ किसी भी जीवित चीज़ का नामोनिशान नहीं था । उनके लिए यह एक महान बलिदान था। लेकिन उनकी दृढ़ता ने उन्हें दुनिया का इमाम बनाया दिया। आज अपने देश में हम मुस्लिम समुदाय को भी दृढ़ता पर खड़े रहने की आवश्यकता है । इससे हमारी पहचान लुप्त नहीं हो सकेगी । इसके लिए अपने रुख पर कायम रहते हुए इस्लाम के हर उस पहलू का पालन करना चाहिए जिसे हमने अपनाया है। यह विचार जमाअ़त ए इस्लामी हिंद महाराष्ट्र के पूर्व अध्यक्ष रिजवानुर्रहमान ख़ान ने जाफ़र नगर के ईदगाह ग्राउंड में भव्य आयोजन पर व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि यह कुर्बानी हमारे बीच हर साल आती है, कुर्बानी की भावना की स्थिति हमें अपने अंदर पैदा करना बहुत ज़रूरी है। अल्लाह तआला के पास जानवरों का मांस और खून नहीं पहुंचता बल्कि जो चीज़ उस तक पहुँचती है वह हमारी धर्मपरायणता ( तक़्वा) है। अल्लाह इस ईद के माध्यम से हमारे घरों में खुशियाँ और संतुष्टि पैदा करे। अल्लाह सर्वशक्तिमान इस ईद के माध्यम से हमारे अंदर एकता और सामूहिकता की स्थिति पैदा करे । जाफ़र नगर मस्जिद के इमाम हाफ़िज़ रहमतुल्लाह ने ईद की नमाज पढ़ाई। इस अवसर पर देश में रहमत वाली बारिश, एकता , अखंडता , अमन के लिए दुआएं मांगी गईं। तत्पश्चात गले मिल कर लोगों ने एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी।
पुलिस स्टेशन गिट्टीखदान ने कानून
व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । जाफ़र नगर की तंज़ीम मुस्लिम नौजवाने तथा जमाअ़त ए इस्लामी हिंद नागपुर के संयुक्त तत्वावधान से ईद संबोधन और नमाज़ का सफल आयोजन संपन्न हुआ। इस अवसर पर तंज़ीम मुस्लिम नौजवाने के सदस्यों में हारून नूरानी, मौईज़ुद्दीन अहमद, अंबर मलिक , मुहम्मद शाहिद , इक़बाल सिद्दीकी, इमरान अली , गुड्डू बिरयानी , हनीफ़ और रुबेल भाई तथा जमाअ़त ए इस्लामी हिंद नागपुर के शहर अध्यक्ष ख़्वाजा इज़हार अहमद, डॉ मुहम्मद रिज़वान , डॉ नुरुल अमीन, डॉ आसिफ़ुज़्ज़मां ख़ान, नियाज़ अली , प्रोफेसर अय्यूब खान, रमीज़ अहमद, कबीर ख़ान मीडिया सेक्रेटरी डॉ एम ए रशीद आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
हज़ारों की संख्या में मुसलमानों ने ईदुल अज़हा की नमाज़ अदा की ।