मणिपुर में शीघ्र ही शांति बहाल की जाए
महिलाओं पर अत्याचार, घोर निंदनीय कृत्य
नागपुर – पिछले जघन्य कृत्यों में यदि बिल्किस बानो , हाथरस और आसेफा के बलात्कारियों को सरे आम फांसी दे दी जाती या शूट कर दिया जाता तो ऐसे जघन्य अपराध कारित करने में किसी की हिम्मत नही होती। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इस तरह के अपराधों में पुनरावृत्ति और वृद्धि देखी जा सकती है।
हिंसक घटनाओं के संबंध में बताया जा रहा है कि मणिपुर में ढाई महीने में लगभग डेढ़ सौ लोगों की हत्याएं हो चुकी हैं। तीन मई से आरंभ हुई सांप्रदायिक हिंसाओं में लगभग साठ हज़ार से अधिक लोगों को राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा ।
मणिपुर में महिला उत्पीडन तथा बलात्कार के विरोध में महिला सदभावना मंच नागपुर के तत्वावधान में संविधान चौक पर जाहिर निषेध का आयोजन किया गया था । इस अवसर पर ये विचार “सद्भावना मंच नागपुर” की अध्यक्षा डॉ सबीहा ख़ान ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मणिपुर में धार्मिक स्थलों के तोड़े जाने , आगजनी की घटनाएं , महिलाओं को निर्वस्त्र कर सार्वजनिक रूप से अपमानित करने तथा सामूहिक बलात्कार जैसी घटनाएं घोर निंदनीय कृत्य हैं। इनकी जितनी भी निंदा की जाए कम है।
प्रदर्शन करती महिलाओं की फोटो
महिलाओं के विरुद्ध बढ़ते जघन्य अपराधों से हमेशा मुक्ति के लिए इस्लामी शरिया में बलात्कारी के लिए सरे आम संगसार करने की निर्देशित सज़ा को व्यवहार में लाना चाहिए।
मणिपुर में इन सभी जघन्य मामलों में अपराधियों को गिरफ्तार कर सज़ा देने तथा राज्य और केंद्र सरकार को शीघ्र की शांति बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाना चाहिए ।
इस अवसर पर सुजाता भोंगड़े, विजया जंबूरकर, रेखा बाराहाते, प्रजवाला टट्टे, वंदना महात्मे, बेनज़ीर ख़ान, ज़ाहेदा अंसारी, रूमाना कौसर, शबनम परवीन, ज़ोहरा ख़ातून, राज़िया सुल्ताना, नुसरत ख़ान, कनीज़ शेख़, ज़ेनब बानो और अन्य बहुत से संगठनों की महिलाए उपस्थित थीं।