राजधानी दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में हुए सांप्रदायिक दंगा के आरोप में फसाएं गए बेकसूर मुसलमानों को अब अब धीरे धीरे इंसाफ़ मिलने लगा हैं।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अभिनव पांडेय की अदालत ने चौहान बांगर इलाके की घटना में फसाए गए मोहम्मद आसिफ़ को बाइज्जत बरी कर दिया है।
जज साहब का कहना हैं कि, पुलीस आरोपी मौहम्मद आसिफ़ के खिलाफ कोई भी ठोस सबूत पेश करने में नाकाम रहीं हैं इसलिए इनको बाइज्ज़त बरी किया जाता हैं।
आसिफ़ के खिलाफ जाफराबाद थाने में आगजनी, तोड़फोड़ एवं दंगा करने के मामले में एफआईआर दर्ज़ की गई थीं, हालांकि पुलीस एक भी मामले में सबूत नहीं पेश कर पाई।
आसिफ़ पर इल्ज़ाम था कि वह 29 फरवरी, 2020 को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान घातक हथियारों से लैस भीड़ का हिस्सा था तथा 8-10 अज्ञात लोगों के साथ पत्थर और लाठी से लैस होकर अवैध रूप से शाहदरा के चौहान बांगर में स्थित शिकायतकर्ता सचिन रावल की छत पर चढ़ने का प्रयास कर रहा था।