छतरपुर. मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के नौगांव में एक दूल्हे की उस वक्त शामत आ गई जब उसने शादी में डीजे बजवाया. डीजे बजाने को लेकर काजी इतने नाराज हुए कि उन्होंने निकाह पढ़ाने से ही मना कर दिया. काजी ने दूल्हे और उसके परिवार को जमकर खरी-खोटी सुनाई. काजी ने दूल्हे से यहां तक कह दिया कि वे बैंड-बाजों वालों से ही निकाह पढ़वा लें. उसके काफी देर बाद जब वर-वधू पक्ष ने सार्वजिनक माफी मांगी, तब जाकर काजी ने निकाह पढ़ा.
गौरतलब है कि, जिले की मुस्लिम समाज की कमेटियों ने आपसी सहमति बनाकर निकाह में डीजे बजाने पर प्रतिबंध लगाया है. इसके बावजूद एक दूल्हे ने बिना किसी को जानकारी दिए डीजे बजवाया और दुल्हन के घर पहुंच गया. बताया जाता है कि वह डीजे को मस्जिद के करीब तक ले गया. इस बात पर काजी साहब बिखर गए और उन्होंने निकाह पढ़ाने से मना कर दिया.
काजी ने निकाह के लिए ये शर्त
काजी लगातार वर को खरी-खोटी सुनाते गए. वर-वधू परिवार ने करीब 4 घंटे चले उनकी मान मनोव्वल की. इसके बाद काजी इस शर्त पर निकाह पढ़वाने पर राजी हुए कि दोनों पक्ष स्टेज पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगें. जब वर-वधू पक्ष ने माफी मांगी, तब जाकर काजी ने बाद देर रात 1:30 बजे निकाह पढ़ाया.
इसलिए वर्जित है डीजे बजाना
इस बात को लेकर जमा मस्जिद काजी मुनव्वर रजा कादरी, साहब ने बताया कि उन्होंने शादी में फिजूल खर्च रोकने के लिए तंजीम चलाई है. शादी में डीजे बजाना, नाचना और गाना इस्लाम में हराम है. शरीयत इसके लिए मना करती है. डीजे पर शराब पीकर नाचते हैं और हुड़दंग मचाते हैं. देर रात डीजे से आसपास में रहने वाले लोगों को भी परेशानी होती है. बच्चे पढ़ नहीं पाते.