ट्रेन में अपने साथी वा 3 मुसलमानों की हत्या करने वाले हत्यारे RPF जवान चेतनसिंह ने जेल में मांगी रहम की भीख, रोते हुए कहा- ‘मुझे बाहर निकालो’

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Chetan Singh Chaudhary News: बोरीवली के निकट जयपुर-मुंबई ट्रेन में आरपीएफ कांस्टेबल चेतनसिंह चौधरी द्वारा चार लोगों की हत्या के एक साल बाद भी मामला धीमी गति से आगे बढ़ रहा है. पीड़ितों के परिवारों ने तेजी से न्याय दिलाने के वादे के बावजूद न्यायिक प्रक्रिया में हो रही देरी पर नाराजगी जताई और आरोपियों के लिए अधिकतम सजा की मांग की.

चेतनसिंह चौधरी ने की थी चार लोगों की हत्या
31 जुलाई 2023 को 34 वर्षीय चेतनसिंह चौधरी ने जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में अपने वरिष्ठ सहायक उपनिरीक्षक टीकाराम मीना और तीन यात्रियों – अब्दुल कादर मोहम्मद हुसैन भानपुरवाला, सैयद सैफुद्दीन, और असगर अब्बास शेख की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी.

मां और बेटी से की ये अपील
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, चौधरी की मां राजेंद्री देवी कहा कि उनके बेटे ने बहुत बड़ा पाप किया है जिसकी कीमत अब उनका परिवार चुका रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि जब वह और उनकी बेटी जेल में चौधरी से मिलीं तो वह जेल से बाहर निकलने में मदद के लिए उनसे भीख मांग रहा था. उसकी मां ने कहा, “मैंने उससे ज़्यादा बातचीत नहीं की और अपनी बेटी से उससे बात करने को कहा. उसने अपनी बेटी से कहा कि उसे नहीं पता कि उसने चार लोगों की हत्या कैसे कर दी और गिड़गिड़ाया और रोते हुए कहा ‘मुझे बाहर निकालो’.”

अकोला जेल में बंद है आरोपी
अक्टूबर 2023 में बोरीवली जीआरपी ने चौधरी के खिलाफ 1,097 पृष्ठों का आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें 39 चश्मदीद गवाहों के बयान शामिल थे. चौधरी वर्तमान में अकोला जेल में बंद है.

आरोप कब तय होंगे?
पुलिस का कहना है कि उन्होंने चौधरी के खिलाफ पुख्ता मामला तैयार किया है, जिसमें नफरत के आधार पर हत्या का आरोप लगाया गया है. हालांकि, आरोपपत्र दाखिल होने के बाद भी कोई खास प्रगति नहीं हुई है. पुलिस के एक सूत्र के अनुसार, अभी तक आरोपी के खिलाफ आरोप तय नहीं हुए हैं और मुकदमा शुरू होना बाकी है.

मामला धीमी गति से आगे बढ़ाने का आरोप
सरकार ने इस मामले को फास्ट ट्रैक आधार पर निपटाने की घोषणा की थी, लेकिन अब तक इस मामले के लिए विशेष सरकारी वकील नियुक्त नहीं किया गया है. हैदराबाद निवासी यूनुस सईद (सैफुद्दीन सईद के भाई) ने आरोप लगाया कि मामला धीमी गति से आगे बढ़ रहा है और पुलिस पीड़ितों के परिवारों को मामले की जानकारी नहीं दे रही है.