महाराष्ट्र में 30 जून तक हुए प्रदर्शनों पर दर्ज सारे केस शिंदे सरकार लेगी वापस

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Maharashtra News: महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने गुरुवार (20 अक्टूबर, 2022) को बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने 30 जून, 2022 तक राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर आंदोलन से संबंधित सभी आपराधिक केसों को वापस लेने का फैसला किया है। जिसमें किसी भी तरह की जनहानि या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं हुआ था।

बता दें, राज्य में जब से एकनाथ शिंद की सरकार सत्ता में आई है। उसके बाद से सरकार ने कई ताबड़तोड़ फैसले लिए हैं। हालांकि केस से संबंधित अभी पूरी जानकारी सामने नहीं आई है। सरकार की ओर से जल्द ही इस संबंध में पूरी जानकारी सामने आएगी।

पिछली महाविकास अघाड़ी सरकार ने भी कथित तौर पर राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले वापस लेने का प्रस्ताव रखा था और इस साल की शुरुआत में क्षेत्रीय प्रशासनिक समितियों को इस मामले पर चर्चा के लिए अधिकृत किया था। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने तब जनवरी 2020 और दिसंबर 2021 के बीच दर्ज ऐसे मामलों को वापस लेने का प्रस्ताव रखा था।

इस साल मार्च में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने भी इसी तरह का निर्णय लिया था और गणेश उत्सव और दही हांडी (कृष्ण जन्माष्टमी) के संबंध में पूरे राज्य में राजनीतिक और सामाजिक आंदोलनों में मार्च 2022 तक के सभी मामलों को वापस ले लिया था। महाराष्ट्र सरकार ने पिछले महीने भी एक आदेश जारी किया था जिसमें कोरोनोवायरस महामारी के दौरान आधिकारिक आदेशों की अवहेलना करने के लिए दायर मामलों को वापस लेने की प्रक्रिया का विवरण दिया गया था।

राज्य सरकार ने कहा था कि उन मामलों को छोड़कर जहां सरकारी अधिकारियों या फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया था या संपत्ति को 50,000 रुपये से अधिक का नुकसान था, वो आईपीसी की धारा 188 (लोक सेवक के कानूनी रूप से प्रख्यापित आदेश की अवहेलना) के तहत दर्ज सभी मामलों को वापस लिया जा सकता है।

बता दें, इससे पहले महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार थी। इसमें शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी शामिल थे। इसके बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में 40 विधायकों ने बगावत कर दी थी। जिसके बाद उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई थी।