जयपुर। राजस्थान के चुरू जिले में सुजानगढ़ के नूरनगर निवासी एक मुस्लिम छात्र ने शिक्षकों की प्रताड़ना से तंग आकर गत दिनों आत्महत्या कर ली। 17 वर्षीय रज्ज़ाक कस्बे के राजकीय पूनम चंद बजड़िया स्कूल में कक्षा 12वीं कला वर्ग का नियमित छात्र था।
छात्र पढ़ने में होशियार था बीते वर्ष कक्षा 10वीं की वार्षिक परीक्षा 86 प्रतिशत अंक से पास की थी। रज्ज़ाक घर वालों से कहता था कि वह भी आगे पढ़ लिख कर शिक्षक बनेगा, लेकिन इससे पहले ही 31 जनवरी 2023 को रज्जाक की संदिग्ध मौत हो गई। मृतक के बड़े भाई सलीम खान ने स्थानी मीडिया से कहा कि रज्जाक काफी दिनों से सहमा हुआ रहता था। डरे – सहमे रहने का कारण पूछने पर उसने बताया था कि वह पढ़ना चाहता है, लेकिन उसके शिक्षक उससे कहते हैं कि पढ़ कर क्या करेगा। तू मुसलमान है। वैसे भी तुझे आतंकी बनना है।
सरकारी स्कूल के शिक्षकों पर मृतक छात्र के भाई के द्वारा लगाए गए यह आरोप गम्भीर है।
बात यहीं खत्म नहीं होती सलीम ने आगे कहा कि, मुस्लिम होने के कारण शिक्षक रज्जाक के साथ अमानवीय व्यवहार करते थे। क्लास में सहपाठियों के सामने बेइज्जत कर बाहर खड़ा कर देते थे। धर्म को टारगेट कर लगातार अनर्गल टिप्पणी करने के आरोप लगाए गए हैं।
घटना के बाद तीन शिक्षकों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज
31 जनवरी को सुबह स्कूल के लिए घर से निकले रज्ज़ाक का क्षतविक्षत शव घर से लगभग 250 मीटर दूर नागौर जिले के लाडनू पुलिस थाने की सीमा क्षेत्र में रेलवे ट्रैक पर मिला था। सूचना पर मौके पर पहुंची लाडनू पुलिस ने शव कब्जे में कर लाडनू के ही स्थानीय सरकारी अस्पताल में रख कर परिजनों को सूचना दी थी।
मृतक नाबालिग छात्र की मौत के बाद बड़े भाई रुस्तम खान ने 31 जनवरी को ही नागौर ज़िले के लाडनू पुलिस थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया कि उसका भाई रज्ज़ाक खान चुरू के सुजानगढ़ कस्बे के राजकीय पूनम चंद बगड़िया स्कूल में कक्षा 12वी में पढ़ता था।
तहरीर में आगे लिखा कि उसी के स्कूल के शिक्षक धन्नाराम प्रजापत, शशि शर्मा व रणजीत भींचर उसके भाई के साथ अमानवीय व्यहार करते थे। धर्म को लेकर भी अनर्गल टिप्पणी करते थे। शिक्षकों की प्रताड़ना से तंग आकर उसके छोटे भाई ने सुसाइड किया है। इस पर पुलिस ने उक्त तीनों शिक्षकों को नामजद करते हुए धारा 306 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली, लेकिन अभी तक जांच पूरी नहीं हुई। मृतक छात्र की जेब से पुलिस ने एक सुसाइड नोट भी बरामद किया था। रुस्तम का कहना है कि रज्ज़ाक ने सुसाइड नोट में उसके साथ ही घटना लिखी है। उसकी मौत के जिम्मेदार लोगों के नाम भी लिखे हैं।
आरोपियों को बचाने का आरोप
मृतक छात्र के भाई रुस्तम खान कहते हैं घटना को दो महीने से अधिक समय बीत गया है। अभी तक पुलिस सुनवाई नहीं कर रही है। आरोपी शिक्षकों को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है। इसी लिए किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई।
आरोप है कि पुलिस अनुसन्धान की प्रक्रिया से भी पीड़ित परिवार को अवगत नहीं करवा रही है। भाई का आरोप है कि मृतक की जेब से पुलिस को जो सुसाइड नोट मिला उसमें मृतक छात्र ने उसके साथ धर्म व जाति को लेकर हुए अमानवीय व्यवहार के बारे में लिखा था। साथ ही प्रताड़ित करने वाले शिक्षकों के नाम भी लिखे थे। रुस्तम का आरोप है कि पुलिस आरोपियों को बचाने के लिए सुसाइड नोट व सहपाठी छात्रों के बयानों को बदल सकती है। घटना के बाद से ही पुलिस का मृतक छात्र के परिवार के साथ व्यवहार ठीक नहीं है।
यह है मामला
नागौर जिले के लाडनू पुलिस थाने में दर्ज मुकदमें के अनुसार 31 जनवरी 2023 को रुस्तम खान पुत्र अली खान मोयल कायमखानी ने लिखित तहरीर देकर बताया कि प्रार्थी का भाई रज्जाक राजकीय पूनमचंद बगड़िया स्कूल सुजानगढ़ चुरू में कक्षा 12वी कला वर्ग में पढ़ता था। कुछ समय पहले वो प्रार्थी के पास आया और बताया कि स्कूल वाले उसके साथ अमानवीय व्यवहार करते हैं। तथा जातिवाद करते रहते हैं। इसके चलते कई बार मारपीट भी की है। अब इन्होंने मुझे स्कूल से निकाल दिया है। आप मेरे साथ स्कूल चलो।
शिक्षकों की शिकायत पर प्रार्थी रज्ज़ाक के साथ 20 जनवरी को स्कूल गया। स्कूल के अध्यापक वर्ग ने प्रार्थी के साथ भी बुरा व्यवहार किया। प्रार्थी ने अध्यापको को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वो नहीं माने। वहां धन्नाराम प्रजापत, शशि शर्मा, रणजीत भींचर व अन्य अध्यापको द्वारा प्रार्थी व प्रार्थी के भाई के साथ बुरा व्यवहार किया गया। इसके बावजूद प्रार्थी ने अपने भाई को डांट कर पुनः स्कूल जाने को कहा। तब वह पुनः स्कूल जाने लगा। बाद में प्रार्थी को पता चला कि उसके भाई का नाम स्कूल से काट दिया गया है। प्रार्थी ने रिपोर्ट में बताया कि वह इस बात को लेकर स्कूल जाने वाला था।
31 जनवरी को उसका भाई सुबह स्कूल जाने की कहकर घर से निकला था। प्रार्थी अपने काम पर चला गया। अपराह्न 3 बजे प्रार्थी के पास फोन आया कि रज्जाक का एक्सीडेंट हो गया है। लाडनू अस्पताल में है। फोन पर सूचना के बाद प्रार्थी लाडनू अस्पताल पहुंचा तो देखा कि भाई रज्जाक की मृत्यु हो चुकी है।
रिपोर्ट में आरोप लगाया कि प्रार्थी के भाई के साथ विद्यालय के शिक्षकों द्वारा शोषण करने के कारण इसने आज मौत को चुना है। धन्नाराम प्रजापत, शशि शर्मा व रणजीत भींचर सहित अन्य दोषी लोगों पर मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करें। रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की।
मृतक की जेब से बरामद किया था। यह जांच पत्रावली में शामिल है।
उक्त घटना को लेकर मृतक के भाई रुस्तम द्वारा पुलिस थाना लाडनू में मुकदमा दर्ज करवाया गया है। वर्तमान में उक्त मुकदमे की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नागौर द्वारा की जा रही है।
पार्षदों ने पत्र में बताया कि उक्त मामले में आरोपी पक्ष ने हाईकोर्ट जोधपुर में अर्जी देकर एफआईआर खारिज करने की अपील की थी, लेकिन न्यायालय ने इनकी अर्जी खारिज कर दी।
पार्षदों ने लिखा कि मृतक का शव सुपुर्दगी के दौरान मौके पर मौजूद पुलिस उच्च अधिकारियों द्वारा मृतक को न्याय दिलवाने का आश्वाशन दिया गया था। अधिकारियों के आश्वाशन पर ही मृतक के घर वालों ने शव लेकर अंतिम संस्कार किया था, लेकिन उसके बाद से ही जांच अधिकारी व पुलिस का रवैया मृतक के परिजनों के साथ सही नहीं रहा। प्रकरण में पूर्णरूप से गलत अनुसन्धान किया जाने लगा। जिससे परेशान परिजनों ने लाडनू उपखण्ड कार्यालय के बाहर 4 दिन तक धरना दिया। इस पर एक बार फिर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वाशन देकर धरना स्थगतित करवा दिया। इसके बाद भी न्याय नहीं मिला तो सर्वसमाज के लोगों ने लाडनू व सुजान गढ़ में अलग अलग समय कई बार धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया। वहीं न्याय की गुहार लगाई, लेकिन अभी तक भी आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। परिवादी व पीड़ित परिवार को अनुसन्धान से सम्बंधित कोई भी जानकारी नहीं दी जा रही है।
पार्षदों ने सीएम को लिखे पत्र के माध्यम से आरोप लगाया कि आम चर्चा है कि आरोपी राजनीतिक रसूख वाले हैं। इन्होंने पुलिस से सांठ गांठ करली है। ऐसे में मृतक को न्याय मिलने की कतई उम्मीद नहीं रही है।
पीड़ित मुस्लिम है इस लिए नहीं हो रही सुनवाई
राजस्थान मुस्लिम युवा संगठन प्रदेशाध्यक्ष रोशन खान कायमखानी ने कहा कि पीड़ित परिवार मुस्लिम समाज से है। इस लिए कोई भी इनकी सुनवाई नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि छात्र की मौत के बाद आक्रोशित भीड़ धरने पर बैठी तो लाडनू से कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर ने आरोपियों की गिरफ्तारी का भरोसा देकर धरना समाप्त करवाया था, लेकिन अब वह भी अपने वादे से मुकर गए हैं। लाडनू विधायक के स्टाफ पर मुस्लिम समाज के साथ अभद्रता का आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा कि आरोपी राजनैतिक रसूख वाले हैं। इस लिए पुलिस भी दबाव में है। अब हमने मुख्यमंत्री से भी न्याय की गुहार लगाई है।
इस सम्बंध में द मूकनायक ने जांच कर रहे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नागोर राजेश मीना से बात करने के लिए दूरभाष पर सम्पर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।