सभी गांव और शहरों के पेड़ों के तनों पर चढ़ाया जाना चाहिए सफ़ेद और लाल रंग ( नागपुर के जेआईएच मीडिया सचिव की मांग )
नागपुर शहर में सौंदर्यीकरण, साज सज्जा के विभिन्न कार्य किए जाते हैं । लेकिन जिन पेड़ों से हमारा रात दिन का साथ है , उन्हें अनदेखा किया जा रहा है। वे आक्सीजन, पर्यावरण संतुलन तथा घरों और सड़कों पर छाया डालकर, अपनी पत्तियों के माध्यम से हवा में जल वाष्प छोड़ते हैं, इससे वे शहरी गर्मी को नियंत्रित कर उसे 10 डिग्री फारेनहाइट तक ठंडा कर देते हैं। इसलिए उन्हें सुरक्षित रखने के प्रयास किये जाते हैं। उनकी सुरक्षा के लिए आवश्यक है कि पेड़ों के तनों पर सफ़ेद और लाल रंग की परत चढ़ाई जाए । जेआईएच के मीडिया प्रभारी डॉ एम ए रशीद ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि पेड़ों के नीचे पेंटिंग करने का यह तरीका भले ही काफ़ी पुराना है लेकिन इस से पेड़ों की आयु और सौंदर्य अधिक बढ़ जाता है। दूसरी ओर पेड़ों को कीटों और बीमारियों के प्रति प्रतिरोधी बनाने और उन्हें मज़बूती प्रदान करने के लिए यह कार्य विशेष महत्व रखता है। यही कारण है कि उन पर सफ़ेद और लाल रंग से पेंटिंग की प्रक्रिया की जाती है। यह पेड़ों के लिए सभी प्रकार की क्षतियों का महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच है, इससे पेड़ों की छाल को टूटने और फटने से बचाया जा सकता है।
पेड़ों को सफ़ेद या लाल रंग से रंगने का उद्देश्य पेड़ों को मज़बूती और ताक़त देना है अन्यथा एक समय ऐसा आता है कि उनमें दरारें पड़ने लगती हैं, जिससे पेड़ कमज़ोर होने लगते हैं, ऐसे में मजबूत करने के लिए उन्हें रंगा जाता है। इस प्रक्रिया से पेड़ों का जीवन भी बढ़ता है ।
पेड़ों को रंगने के पीछे एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य उन्हें क्षति पहुंचाने वाली दीमकों से बचाना भी होता है। ये दीमक और कीट किसी भी पेड़ को अंदर से खोखला कर देते हैं। पेंटिंग द्वारा पेड़ उन कीटों से बचे रहते हैं। जमाअ़त ए इस्लामी हिंद नागपुर के मीडिया प्रभारी ने फारेस्ट , पंचायतों और मनपा विभागों से मांग की है कि वे अपने अधीन 1) गांव और शहर के प्रत्येक पेड़ों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए उन पर सफ़ेद और लाल रंग की परत चढ़ाई जाए तथा 2) गांव , शहरों के प्रत्येक पेड़ों का पंजीयन कर उन पर नंबर भी डाले जाएं ।